बलात्कार की शिकार एक लड़की अपने माँ से कुछ कह रही है,........
माँ मुझे छुपा लो बहुत डर लगता है,
माँ तुझे याद है तेरे आँगन में चिड़िया सी फुदक रही थी।
माँ तुझे याद है तेरे आँगन में चिड़िया सी फुदक रही थी।
ठोकर खा के मै जमीन पर गिर रही थी,
दो बूँद खून की देख के माँ तू भी रो पड़ती थी।
दो बूँद खून की देख के माँ तू भी रो पड़ती थी।
माँ तूने तो मुझे फूलों की तरह पाला था,
उन दरिंदों का आखिर मैंने क्या बिगाड़ा था।
उन दरिंदों का आखिर मैंने क्या बिगाड़ा था।
क्यूँ वो मुझे इस तरह मसल कर चले गए,
बेदर्द मेरी रूह को कुचल कर चले गए।
बेदर्द मेरी रूह को कुचल कर चले गए।
माँ तू तो कहती थी कि अपनी गुडिया को मै दुल्हन बनाएगी,
मेरे इस जीवन को खुशियों से सजाएगी।
मेरे इस जीवन को खुशियों से सजाएगी।
माँ क्या वो दिन जिन्दगी कभी ना लाएगी,
माँ क्या तेरे घर अब बारात न आएगी।
माँ क्या तेरे घर अब बारात न आएगी।
माँ खोया है जो मैंने क्या फिर से कभी न पाऊँगी,
माँ सांस तो ले रही हूँ क्या जिन्दगी जी पाऊँगी।
माँ सांस तो ले रही हूँ क्या जिन्दगी जी पाऊँगी।
माँ घूरते हैं सब अलग ही नज़रों से,
माँ मुझे उन नज़रों से छुपा ले,
माँ बहुत डर लगता है मुझे अपने आँचल में छुपा ले।
माँ मुझे उन नज़रों से छुपा ले,
माँ बहुत डर लगता है मुझे अपने आँचल में छुपा ले।
मित्रो क्या लड़की होना अभिशाप हो गया आज ...?
क्या बलात्कारी ये भी नहीं सोचते की उनके भी बहिने है .....?
इनको कैसी सजा मिले ....?
इसको शेयर अवश्य करे ताकि कोई भी किसी लड़की को अपनी हवस का शिकार ना बनाए.....Plz like this page
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